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मनरेगा में नवीनतम घटनाएं: घोटाले और सरकार के सुधारात्मक कदम

मनरेगा में नवीनतम घटनाएं: घोटाले और सरकार के सुधारात्मक कदम

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का शुभारंभ 2005 में भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास में तेजी लाना और ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना है। इस योजना के अंतर्गत हर परिवार को प्रति वर्ष 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार प्रदान किया जाता है।

हालाँकि, हाल के दिनों में मनरेगा में कई समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं, जिसमें सबसे प्रमुख घोटालों और फर्जी लाभार्थियों के मामले हैं।

मनरेगा में नवीनतम घटनाएं: घोटाले और सरकार के सुधारात्मक कदम

मनरेगा में हुए प्रमुख घोटाले

मनरेगा के अंतर्गत कई राज्यों में फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं और अवैध लाभार्थियों के माध्यम से अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इस घोटाले के कारण लाखों गरीब मजदूरों को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि इससे योजना पर भी गंभीर सवाल उठे हैं।

योजना का विवरण जानकारी
योजना का नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
शुरुआत वर्ष 2005
उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करना
सुनिश्चित रोजगार प्रति परिवार 100 दिन का काम
लाभार्थी ग्रामीण गरीब परिवार
वित्तीय प्रावधान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित
निगरानी तंत्र ग्राम सभा एवं पंचायत स्तर पर निगरानी

मनरेगा की प्रमुख समस्याएँ

  • भ्रष्टाचार: रिपोर्टों में योजना के तहत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं।
  • फर्जी लाभार्थी: सरकार ने 7.43 लाख फर्जी मजदूरों को हटाने का दावा किया है।
  • कम भुगतान: मजदूरों को अक्सर उनके कार्य के अनुसार उचित भुगतान नहीं मिलता।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

सरकार ने मनरेगा में आई अनियमितताओं को दूर करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

  1. आधार आधारित पेमेंट प्रणाली: इससे फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने में सहायता मिली है।
  2. निगरानी में सुधार: नए अधिकारियों की नियुक्ति के साथ निगरानी तंत्र को मजबूत किया गया है।
  3. अतिरिक्त वित्तीय सहायता: सरकार ने ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड जारी किया है।

मनरेगा के लाभ

  • आर्थिक सुरक्षा: यह योजना गरीब परिवारों के लिए एक आर्थिक सुरक्षा का माध्यम है।
  • महिलाओं को रोजगार: योजना के तहत महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है, जिससे उनके सशक्तिकरण को बल मिला है।
  • स्थायी विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों के साथ ही रोजगार सृजन भी हुआ है।

निष्कर्ष

मनरेगा ग्रामीण रोजगार को सुनिश्चित करने में सहायक योजना है। इसमें सुधार की आवश्यकता है, ताकि घोटालों और भ्रष्टाचार की घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से कुछ हद तक सुधार की संभावना है, परंतु इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।

Disclaimer: यह लेख मनरेगा के बारे में सामान्य जानकारी देने के लिए है।

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