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सिम कार्ड के नए नियम: TRAI का बड़ा फैसला, Jio, Airtel, Vi और BSNL अपडेट जानें

सिम कार्ड के नए नियम: TRAI का बड़ा फैसला, Jio, Airtel, Vi और BSNL अपडेट जानें

मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण खबर है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सिम कार्ड को लेकर नए नियमों की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे। इन नियमों का उद्देश्य ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना और टेलीकॉम सेक्टर में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ये नियम Jio, Airtel, Vodafone Idea (Vi) और BSNL सहित सभी टेलीकॉम कंपनियों पर लागू होंगे।

इन नियमों के तहत, कंपनियों को नेटवर्क और सेवाओं की जानकारी पारदर्शी रूप से देने के साथ स्पैम कॉल्स और धोखाधड़ी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।

सिम कार्ड के नए नियम: TRAI का बड़ा फैसला,  Jio, Airtel, Vi और BSNL अपडेट जानें

सिम कार्ड के नए नियम: मुख्य प्रावधान

नियम विवरण
नेटवर्क जानकारी क्षेत्रवार नेटवर्क की जानकारी वेबसाइट पर अनिवार्य
स्पैम कॉल नियंत्रण स्पैम कॉल्स और मैसेज रोकने के नए उपाय
ई-केवाईसी सुविधा आधार आधारित और सेल्फ केवाईसी का प्रावधान
सिम स्वैपिंग प्रतीक्षा समय 10 से घटाकर 7 दिन
नंबर पोर्टेबिलिटी नए सुरक्षा उपाय और सत्यापन प्रक्रिया
OTP आधारित सेवाएं प्रीपेड-पोस्टपेड में बदलाव के लिए OTP
बल्क कनेक्शन बड़े पैमाने पर सिम बेचने पर रोक
डीलर वेरिफिकेशन सभी सिम डीलरों का सत्यापन अनिवार्य

क्षेत्रवार नेटवर्क जानकारी देना अनिवार्य

नए नियमों के तहत, सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी देनी होगी कि उनके नेटवर्क क्षेत्र में कौन-कौन सी सेवाएं (2G, 3G, 4G, या 5G) उपलब्ध हैं। इससे ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार सही नेटवर्क और सेवा का चयन कर सकेंगे।

स्पैम कॉल्स और मैसेज पर नियंत्रण

स्पैम कॉल्स और अवांछित मैसेज से ग्राहकों को राहत दिलाने के लिए TRAI ने कुछ कड़े प्रावधान किए हैं:

  • स्पैम कॉल्स की सूची: टेलीकॉम कंपनियों को नियमित रूप से ऐसी कॉल्स की सूची तैयार करनी होगी।
  • 140 सीरीज कॉल्स का ट्रैकिंग: टेलिमार्केटिंग कॉल्स को सुरक्षित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित किया जाएगा।
  • सुरक्षित लिंक: कम्युनिकेशन के लिए केवल प्रमाणित URL और OTP का उपयोग किया जाएगा।

ई-केवाईसी और सेल्फ केवाईसी का प्रावधान

ग्राहकों को सिम कार्ड लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए TRAI ने ई-केवाईसी और सेल्फ केवाईसी की सुविधा दी है:

  • आधार आधारित ई-केवाईसी: ग्राहक केवल आधार कार्ड और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के माध्यम से सिम प्राप्त कर सकते हैं।
  • सेल्फ केवाईसी: DigiLocker जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ग्राहक खुद से केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

सिम स्वैपिंग प्रक्रिया में बदलाव

सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट की प्रतीक्षा अवधि को 10 दिन से घटाकर 7 दिन कर दिया गया है। इससे ग्राहकों को कम समय में नया सिम मिल सकेगा। साथ ही, सिम स्वैप धोखाधड़ी रोकने के लिए सुरक्षा उपाय भी सख्त किए गए हैं।

नंबर पोर्टेबिलिटी के नए प्रावधान

मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के लिए नए नियम लागू किए गए हैं:

  1. यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC): सिम स्वैप के 7 दिनों के भीतर कोड जारी नहीं किया जाएगा।
  2. सत्यापन: पोर्टिंग के समय ग्राहक की पहचान का सत्यापन होगा।
  3. धोखाधड़ी की रोकथाम: फर्जी पोर्टिंग अनुरोधों को रोकने के लिए अतिरिक्त जांच की जाएगी।

OTP आधारित प्रीपेड और पोस्टपेड सेवाएं

प्रीपेड से पोस्टपेड या इसके उलट सेवाओं में बदलाव अब OTP वेरिफिकेशन के माध्यम से किया जा सकेगा। इससे ग्राहकों को टेलीकॉम ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी, और यह प्रक्रिया तेज और सुरक्षित होगी।

बल्क सिम कनेक्शन पर प्रतिबंध

TRAI ने बल्क में सिम बेचने पर रोक लगाई है। यह कदम सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।

सिम डीलरों का अनिवार्य वेरिफिकेशन

सभी सिम कार्ड बेचने वाले डीलरों का वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम अवैध सिम बिक्री और इससे जुड़ी धोखाधड़ी रोकने में मदद करेगा।

नए नियमों का प्रभाव

ग्राहकों के लिए फायदे

  • बेहतर नेटवर्क और सेवाओं की जानकारी।
  • स्पैम कॉल्स और मैसेज से राहत।
  • सिम कार्ड लेने की प्रक्रिया आसान और तेज।
  • नंबर पोर्टेबिलिटी सुरक्षित और पारदर्शी।
  • OTP आधारित सेवाओं से समय की बचत।

टेलीकॉम कंपनियों पर प्रभाव

  • नेटवर्क और सेवाओं की अधिक पारदर्शिता।
  • स्पैम रोकने के लिए नई तकनीकों का उपयोग।
  • ई-केवाईसी और सेल्फ केवाईसी की व्यवस्था।
  • सिम स्वैप और पोर्टिंग प्रक्रिया में बदलाव।
  • डीलरों का बेहतर प्रबंधन।

नियमों के उल्लंघन पर दंड

TRAI ने इन नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के लिए कड़े दंड तय किए हैं:

  • जुर्माना: 10 लाख रुपये तक का दंड।
  • लाइसेंस रद्द: बार-बार उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द हो सकता है।
  • ग्राहक शिकायतों की अनदेखी: कंपनियों पर अतिरिक्त दंड लगाया जा सकता है।

निष्कर्ष

TRAI के नए सिम कार्ड नियम ग्राहकों को बेहतर सेवाएं और सुरक्षा प्रदान करेंगे। ये नियम न केवल टेलीकॉम कंपनियों की पारदर्शिता बढ़ाएंगे, बल्कि ग्राहकों को स्पैम और धोखाधड़ी से भी बचाएंगे।

Disclaimer: यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए TRAI की आधिकारिक वेबसाइट या अपनी टेलीकॉम कंपनी से संपर्क करें।

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